सिख धर्म में दस आध्यात्मिक गुरु हैं जिन्होंने धर्म के सिद्धांतों को आकार देने और इसके अनुयायियों का मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन दस गुरुओं ने सामूहिक रूप से सिख धर्म के आध्यात्मिक, नैतिक और सामाजिक ताने-बाने को आकार दिया, भक्ति, समानता और निस्वार्थ सेवा की विरासत छोड़ी जो दुनिया भर के लाखों सिखों को प्रेरित करती रहती है।











| दस सिख गुरु – परंपरा तालिका | ||
| पहले गुरु | गुरु नानक | 1469-1539 |
| दूसरे गुरु | गुरु अंगद | 1539-1552 |
| तीसरे गुरु | गुरु अमर दास | 1552-1574 |
| चौथे गुरु | गुरु राम दास | 1574-1581 |
| पाँचवें गुरु | गुरु अर्जुन देव | 1581-1606 |
| छठे गुरु | गुरु हरगोबिंद | 1606-1644 |
| सातवें गुरु | गुरु हर राय | 1644-1661 |
| आठवें गुरु | गुरु हरकिशन | 1661-1664 |
| नवें गुरु | गुरु तेग बहादुर | 1665-1675 |
| दसवें गुरु | गुरु गोबिंद सिंह | 1675-1708 |